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muon एक elementary पार्टिकल है , उसका कोई भी इंटरनल स्ट्रक्चर नहीं है यानी वो किसी भी दूसरे पार्टिकल्स से नहीं बना है। Muon का चार्ज -1e और spin 1/2 है । जैसे कि हम देख सकते है Muon की प्रॉपर्टीज इलेक्ट्रॉन जैसी ही है, लेकिन muon इलेक्ट्रॉन से काफी भारी है। muon का मास इलेक्ट्रॉन के मास से लगभग 207 गुना ज्यादा है।
1936 में Carl Anderson और Seth Neddermeyer ने कॉस्मिक रे का स्टडी करते समय muon को डिस्कवर किया ।
जब कॉस्मिक रे प्रोटॉन अर्थ के ऊपरी वातावरण में मौजूद एटॉमिक nuclei से टकराते है , तब पार्टिकल pion बनते है । फिर pion decay होकर muon और muon neutrino बनाते है। यहां से लगभग लाईट के स्पीड से muon शुरुवाती प्रोटॉन जिस डायरेक्शन में जा रहे थे , उसी डायरेक्शन में आगे बढ़ते है।
लैब में muon को बनाने के लिए पार्टिकल फिजिसिस्ट इसी न्यूक्लियर रिएक्शन का इस्तेमाल करते है। जैसे Fermilab में किए गए g-2 experiment में Muon को इसी रिएक्शन का यूज करके बनाया जाता है। Muon का लाईफ टाईम लगभग 2.2 माइक्रोसैंकड़स होता है। Muon decay होकर इलेक्ट्रॉन , इलेक्ट्रॉन एंटीन्यूट्रिनो , म्यूऑन न्यूट्रिनो बनता है।
पृथ्वी पर हर मिनिट में लगभग 10,000 muons पृथ्वी के 1 स्क्वेयर मीटर सर्फेस एरिया में आते है।
टाइम डायलेशन क्या होता है ? - What is time dilation
किसी भी वस्तू के मोशन को समझने के लिये हमे उस वस्तुके आसपास के चीजों को देखना पड़ता है। इससे हमे ये समझता है कि वो वस्तु रुकी है या फिर मोशन में है।
हम इसे एक उदाहरण से समझते है।उदाहरण के तौर पर अमित और स्वप्निल ट्रेन में सफर कर है। अब यहां पर ये एक ख़ास ट्रेन है ,क्युकी ये ट्रेन लाईट के स्पीड दौड़ सकती है।( हमे पता है कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में कोई भी ट्रेन इतने तेजी से नहीं दौड़ती है। इसीलिए ये एक काल्पनिक ट्रेन है , जो सिर्फ टाइम डायलेशन की कंसेप्ट को समझाने के लिए यूज क़ियी गई है , जो एक रियल इफेक्ट है।)
शुरुवात में ट्रेन 100 km/h के स्पीड से दौड़ रही थी। यहां पर अगर एक सवाल पूछा जाए की ,ट्रेन आगे बढ़ रही है ये स्वप्निल और अमित को कैसे पता चलेगा ? । हमारे रोज के अनुभवों से हमे ये मालूम है कि पेड़ और इमारतें जब पीछे के दिशा में जाने लगते है , इसका मतलब ट्रेन दौड़ने लगी है। इसीलिए स्वप्निल और अमित को पहले खिड़की से बाहर देखना होगा।
इमारतें और पेड़ एक ही जगह पर है, इसका मतलब ट्रेन रुकी हुई है । या फिर हम इसको ऐसा भी कह सकते है कि ,रिलेटिव टू ग्राउंड ट्रेन का स्पीड जीरो है। अगर इमारतें और पेड़ काफी तेजी से पीछे की दिशा में जा रहे है , इसका मतलब ट्रेन का स्पीड बढ़ा है। इसको हम ऐसा भी बोल सकते है कि रिलेटिव टू ग्राउंड ट्रेन कुछ स्पीड से आगे बढ़ रही है।
अगर ट्रेन की सभी खिड़कियां बंद कियी जाए । तो अभी ट्रेन रुकी है या फिर मोशन में है , इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाएगा।क्युकी ट्रेन एक ही स्पीड से बड़ी स्मूथली आगे बढ़ रही है। और अब ना ही हम बाहर देख सकते है , की हमे आईडिया सा जाए की ट्रेन रुकी है या फिर चल रही है। यहां पर हम अगर एक सवाल पूछे कि अमित और स्वप्निल जो अपने सीट पर बैठे है इनका स्पीड क्या है ? । वो अपनी जगह बदल नहीं रहे है इसका मतलब उनका स्पीड जीरो ही रहेगा। इसिको हम ऐसा भी बोल सकते है , की रिलेटिव टू ट्रेन अमित और स्वप्निल का स्पीड जीरो है। लेकिन रिलेटिव टू ग्राउंड ट्रेन का जितना स्पीड है उतना ही स्पीड उनका भी रहेगा।
टाइम डायलेशन का प्रयोग करने के लिए स्वप्निल ट्रेन से नेक्स्ट स्टेशन पर उतर गया। प्रयोग कुछ ऐसा था कि अमित हर मिनिट में ट्रेन से रेड लाइट ऑन करके स्वप्निल को एक सिग्नल देगा । और स्वप्निल जो अभी ग्राउंड पर है , एक सिग्नल आने के बाद दूसरा सिग्नल आने में कितना टाइम लगता है इसको लिखता जाएगा। और आखिर में उन्हें क्या रिजल्ट मिले है वो उसको चेक करेंगे।
अब ट्रेन लाईट के स्पीड के 50 % स्पीड से दौड़ रही थी यानी 150,000 km/s से । इसे हम ऐसा भी लिख सकते है 0.5C , यहां C लाईट का स्पीड दर्शाता है जो कि 300,000 km/s है। अमित अभी हर एक मिनिट के बाद स्वप्निल को सिग्नल देता गया। और स्वप्निल एक सिग्नल के बाद दूसरा सिग्नल आने में कितना टाइम लगता है उसे लिखने लगा । सेम एक्सपेरिमेंट उन्होंने ट्रेन जब अलग स्पीड से दौड़ रही थी तब भी किया । आखिर में दोनों ने अपने रिजल्ट चेक किए । रिजल्ट काफी चौंकाने वाले थे ।
जब ट्रेन 0.5C के स्पीड से दौड़ रही थी तब अमित ने एक मिनिट के अंतर पर जो सिग्नल भेजे थे । स्वप्निल के अनुसार पहिला सिग्नल भेजने के बाद 1 मिनिट 9.3 सेकंड के बाद दूसरा सिग्नल भेजा गया । जब ट्रेन 0.8C (लाईट के स्पीड के 80 % स्पीड से) के स्पीड से दौड़ रही थी तब अमित ने एक मिनिट के अन्तर से सिग्नल भेजना चालू किया । लेकिन स्वप्निल के अनुसार पहीला सिग्नल भेजने के बाद 1 मिनिट 40 सेकंड के बाद दूसरा सिग्नल भेजा गया। और जब ट्रेन 0.95C के स्पीड से दौड़ रही थी तब स्वप्निल के अनुसार पहीला सिग्नल भेजने के बाद 3 मिनिट 12.15 सेकंड के बाद दूसरा सिग्नल भेजा गया।
इन रिजल्ट को देखकर हमे ये पता लगता है कि , अमित जो की ट्रेन में है उसकी घड़ी ग्राउंड पर मौजूद स्वप्निल की घड़ी से काफी स्लो चल रही थी। जैसे जैसे ट्रेन का स्पीड बढ़ रहा था, वैसे वैसे अमित की घड़ी और स्लो हो रही थी । इस इफेक्ट को ही टाइम डायलेशन कहते है।
टाइम डायलेशन को तभी देखा जा सकता है, जब वस्तुओं का स्पीड लाईट के स्पीड के करीब हो ।टाइम डायलेशन को हम हमारे रोजमर्रा के लाइफ में नहीं देख पाते है क्योंकि कोई भी ट्रेन , बस या प्लेन इतने हाई स्पीड नहीं चलते है।
Muon पार्टिकल और टाइम डायलेशन - Muon And time dilation
Muon जो पृथ्वी के सर्फेस से उपर लगभग 10 km अंतर पर वातावरण में बनते है। इनका लाइफ टाइम लगभग 2.2 माइक्रोसैंकड़ होता है। वहा से वो लगभग लाईट के स्पीड से पृथ्वी की तरफ आते है।
अगर muon 0.995C इतने स्पीड से पृथ्वी की तरफ आ रहा है , तो वो 2.2 माइक्रोसैंकड़ में लगभग 657 m अंतर ही पार कर पाएगा और नष्ट हो जाएगा । क्युकी muon जीवन सिर्फ 2.2 माइक्रोसैंकड़ (0.0000022 सेकंड) का ही है। लेकिन काफी सारे muon 10 km अंतर पार करके पृथ्वी तक आते , ये कैसे पॉसिबल हो सकता है ?। इसका जवाब हमे टाइम डायलेशन देता है।
Muon 0.995C स्पीड से पृथ्वी की तरफ आ रहे है , इसका मतलब रिलेटिव टू अर्थ muon ka स्पीड 0.995C है। जैसे रिलेटिव टू ट्रेन स्वप्निल और अमित का स्पीड जीरो था , क्युकी वो एक ही जगह पर बैठे थे। कुछ उसी तरह से रिलेटिव टू muon , muon का स्पीड जीरो रहेगा । Muon को ऐसा लगेगा कि वो एक ही जगह पर बैठा है। Muon को लगेगा कि जब वो पैदा हुआ और 2.2 माइक्रोसैंकड़ बाद नष्ट हुआ, वो दोनो इवेंट के समय एक ही जगह पर था। लेकिन पृथ्वी से जो आब्जर्वर muon को देख रहा है , उसके लिए muon का जन्म स्थान और मृत्यु स्थान अलग रहेगा । क्युकी उसके अनुसार muon काफी तेज गति से पृथ्वी की तरफ आ रहा है। हमे अभी ये भी पता है कि पृथ्वी पर के आब्जर्वर के हिसाब से , टाइम डायलेशन की वजह से muon का लाइफ टाइम काफी ज्यादा रहेगा ।
अभी ये कितना रहेगा इसे टाइम डायलेशन के फॉर्मूला (time dilation formula )से निकाला जा सकता है।
`T=\frac{T_{0}}{\sqrt{1-\( \frac{V}{C} \ )^{2}}}`
इस फार्मूले में ,
` T_{0}` muon का रेस्ट में लाइफ टाइम है।
T पृथ्वी पर के आब्जर्वर के अनुसार muon का लाइफ टाइम है।
V muon का स्पीड है ( रिलेटिव टू अर्थ)।
और C लाईट का स्पीड है (जो 300000000 m/s है ।)
अगर हम
` T_{0}`=2.2 माइक्रोसैंकड़ =0.0000022 सेकंड V=0.995C=0.995× 300,000,000 =298,500,000 m/s
और C की वैल्यू जब ऊपर के इक्वेशन में डालते है और उसे सॉल्व करते है , तब हमे T की वैल्यू लगभग 22 माइक्रोसैंकड़ मिलती है। हम देख सकते है कि पृथ्वी पर के आब्जर्वर के लिए muon का लाइफ टाइम बढ़ गया है।
Muon 0.995C के स्पीड से लगभग 22 माइक्रोसैंकड़ में लगभग 6.6 km डिस्टेंस कवर करता है। अगर कोई हाई एनर्जी का muon हो जिसका स्पीड इससे भी ज्यादा है , तो वो और भी ज्यादा डिस्टेंस कवर सकता है ।
जैसे किसी muon का स्पीड अगर 0.9995C है । पृथ्वी के आब्जर्वर के अनुसार इस muon का लाइफ टाइम लगभग 70 माइक्रोसैंकड़ हो जाएगा । और इतने टाइम में muon लगभग 21 km डिस्टेंस ट्रैवल करेगा।
हम देख सकते है कि कैसे muon टाइम डायलेशन की वजह से पृथ्वी तक आते है। यही नहीं टाइम डायलेशन जैसी कंसेप्ट की असलियत को चेक करने के लिए भी muon काफ़ी मददगार साबित होते है।
Muon और लेंथ कॉन्ट्रैक्शन-Muon and length contraction
लेंथ कॉन्ट्रैक्शन का यूज करके भी इसको समझा सकते है की muon धरती तक कैसे आते है । जब कोई ऑब्जेक्ट रिलेटिव टू ऑब्जर्वर लगभग लाईट के स्पीड से मूव हो रही हो तो ऑब्जर्वर के लिए मोशन के डायरेक्शन में ऑब्जेक्ट की लेंथ कम हो जाती है । इसे ही लेंथ कॉन्ट्रैक्शन कहते है।
Muon की तरफ से हम इसे समझने की कोशिश करते है। अगर रिलेटिव टू अर्थ muon का स्पीड 0.995C है । Muon को ऐसा लगेगा कि पृथ्वी उसके तरफ 0.995C स्पीड से आ रही है । तो यहां पर पृथ्वी पर का 6.6 km का डिस्टेंस ,लेंथ कॉन्ट्रैक्शन की वजह से muon को सिर्फ 0.66 km ही लगेगा। और muon को ये लगेगा की पृथ्वी ने ये 0.66 km का अंतर सिर्फ 2.2 माइक्रोसैंकड़ में पार किया है।
नीचे लेंथ कॉन्ट्रैक्शन फॉर्मूला(Length Contraction Formula) दिया हुआ है, जिसका यूज करके लेंथ कितना कम होगा हम निकल सकते है।
`L=L_{0}\sqrt{1-\( \frac{V}{C} \ )^{2}}`
यहां
` L{_{0}}`अर्थ पर का एक्चुअल डिस्टेंस है।
L हमे muon को अर्थ पर का डिस्टेंस कितना दिखता है वो बताता है।
References
[1]Muon. (n.d.). Wikipedia. https://en.m.wikipedia.org/wiki/Muon#:~:text=The%20muon%20(%2F%CB%88mju%CB%90,is%20classified%20as%20a%20lepton.
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